अंडरवर्ल्ड से जुड रहें हैं देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के तार, सार्वजनिक पैसे को छोटा शकील से जूडे लोगों को भेजने के मिले दस्तावेज
माना जा रहा है कि आठ करोड़ रुपए के अधिक मूल्यो के ये फ्लैट्स डी एच एफ एल के कपिल वधावन के द्वारा खरीदे गए हैं।सी बी आई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नवानदार और उससे जूडे कारोबारियों के खिलाफ जांच की जा सकती हैं।
नई दिल्ली : एजेंसी। दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से संबंधित 34,615 करोड़ रुपये के देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे पता चलता है कि सरकारी बैंकों से लिए गए कर्ज की रकम अंडरवर्ल्ड डान दाउद इब्राहिम के करीबी और पाकिस्तान में रहने वाले गैंगस्टर छोटा शकील से जुड़े लोगों को भेजे गए। एजेंसी अब इस एंगल से भी मामले की जांच करेगी।
समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार डीएचएफएल घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने शुक्रवार को मुंबई और पुणे में तीन जगहों की तलाशी ली थी। इसमें 40 करोड़ रुपये से अधिक की पेंटिंग और मूर्तियां बरामद की गई हैं। मुंबई में अजय रमेश नवानदार नामक व्यक्ति के ठिकानों की तलाशी में करोड़ों रुपये की रोलेक्स, कार्टियर, ओमेगा और अन्य लग्जरी ब्रांड की घड़ियां बरामद की गईं।
एजेंसी ने मुंबई के खार वेस्ट में रेबेका दीवान के फ्लैटों की तलाशी भी ली। माना जा रहा है कि आठ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के ये फ्लैट्स डीएचएफएल के कपिल वधावन द्वारा खरीदे गए हैं। सीबीआइ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नवानदार और उससे जुड़े कारोबारियों के खिलाफ जांच की जा सकती है।
2019 के बाद से आरोपितों ने लोन का भुगतान करना बंद कर दिया था
सीबीआइ ने 20 जून को डीएचएफएल, उसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य खिलाफ 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। 22 जून को एजेंसी ने अमरीली रिएल्टर और आठ अन्य बिल्डरों समेत आरोपितों के मुंबई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ली थी। यूनियन बैंक आफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के संघ की शिकायत पर एजेंसी ने यह कार्रवाई की थी। इन बैंकों ने 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये क्रेडिट सुविधा मिली हुई थी। बैंकों के मुताबिक मई 2019 के बाद से आरोपितों ने लोन का भुगतान करना बंद कर दिया। कंपनी के खातों की जांच में वित्तीय गड़बडि़यों, फंड को डायवर्ट करने और फर्जी खाताबही बनाने की जानकारी मिली थी।