रायपुर में हुई कोलवाशरी, डिपो, और साइडिंग संचालकों पर हुई कार्यवाहीं को लेकर बैठक, संचालकों में खलबली.आलाधिकारियो ने पेश किया रिपोर्ट..संभावित खतरे से बचने शुरू हुआ गुणाभाग खेल 914 करोड़ का टैक्स चोरी का मामला आ रहा है सामने
बिलासपुर : पिछले दिनों एक साथ चार जिलो में कोलवाशरी समेत कोयला डीपो मे स्टेट कार्यवाही के बाद पहली बार रायपुर में जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक हुई। जीएसटी, पर्यावरण, खनिज समेत राजस्व विभाग ने अपनी कार्यवाही की रिपोर्ट पेश किया। सभी विभागों की रिपोर्ट पर गहराई से अधिकारियों ने मंथन किया। बताया जा रहा है कि जल्द ही रिपोर्ट में दर्ज कोलवाशरी में पाए गए नियम विरूद्ध गतिविधियों और काम काज को लेकर जल्द ही बड़ा और कठोर कदम उठाया जाएगा।
जानकारी देते चलें कि कुछ दिनों पहले शासन के निर्देश पर एक साथ चार जिलो रायगढ़, कोरबा, जांजगीर और बिलासपुर में स्थित कोल वाशरी के खिलाफ अलग अलग टीम ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। करीब सात टीम में करीब 42 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी ने कोल डिपो में भी धावा बोला। छापामार टीम में जीएसटी, खनिज, राजस्व समेत पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। शुक्रवार को रायपुर में बैठक के दौरान सभी विभागों ने अपने स्तर पर कार्रवाई रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के हवाल किया है।
बताया जा रहा है कि रिपोर्ट पर मंत्रालय स्तर पर अध्ययन के बाद कोल वाशरी के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा। जानकारी मिल रही है कि राजस्व और पर्यावरण अधिकारियों ने जमीन में धोखाधड़ी के अलावा पर्यावरण अनुज्ञा को लेकर गंभीर रिपोर्ट पेश किया है। खनिज विभाग ने छापामार कार्रवाई के दौरान पायी गड़ब़़ड़ियों को साफ गोई से रखा है। जीएसटी विभाग ने भी टैक्स चोरी को लेकर वाशरी संचालकों की कुण्डली अधिकारियों को सौपा है।
जानकारी मिल रही है कि सभी विभागो ने अपनी रिपोर्ट में लम्बी चौड़ी शिकायतों का पुलिन्दा शासन के हवाले किया गया। यही कारण है कि चार जिलो में दो दर्जन से अधिक कोलवाशरी, डिपो, और साइडिंग के संचालकों ने काम काज पूरी तरह से बन्द कर दिया है। यह जानते हुए भी कि शासन की तरफ से वाशरी बन्द करने का कोई आदेश नहीं है। बावजूद इसके गलतियों का अहसास होने के कारण संचालकों ने संभावित एक्शन को देखते हुए कोल वाशरी पर ताला जड़ दिया है। हां कुछ कोलवाशरियों ने काम धाम शुरू भी कर दिया है।
हम आपको बताते चलें कि 30 जून को खनिज विभाग की कुल 10 टीम जिसमें खनिज साधन के कुल 42 अधिकारियों का दल बनाकर प्रदेश में संचालित कोल वाशरी, डीपो ,तथा साइडिंग एवं कोयला आधारित समस्त गतिविधियों की जांच करने राज्यस्तरीय फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया गया था। जांच दलों ने 15 दिनों तक उनको आवंटित जिले के कुल वाशरीयों तथा कोल डिपो की विस्तृत जांच की, खनिज साधन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग ,जीएसटी एवं पर्यावरण विभाग ,की टीमों के द्वारा समन्वय बनाकर समस्त प्रतिष्ठानों में छापेमारी की कार्यवाही की गई । जांच के दौरान व्यापक गड़बड़ीयां तथा कर अपवंचन के प्रमाण मिले हैं । आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी विभाग अपनी जांच तथा प्रारंभिक रिपोर्ट ऊपर पेश कर चुके हैं । शीघ्र ही उन प्रतिष्ठानों के खिलाफ विभाग कठोर कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है । इस विषय में विभाग के अधिकारियों से जानकारी एकत्र करने का प्रयास किया गया परंतु किसी भी अधिकारी ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया । सिर्फ यह कहा गया कि ऊपर का आदेश है। इसलिए यह कार्यवाही चल रही है। अधिकारियों ने कहा कि जो भी कार्यवाही होगी वह विधि अनुसार होगी ,सुनवाई के अवसर प्रदान करने के पश्चात ही आगे की कार्यवाही की जाएगी । आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोल वाशरी तथा कोल डीपो से जिले अनुसार कर अपवंचन की प्रारंभिक गणना की गई है। जिसके अनुसार बिलासपुर जिले से लगभग 300 करोड रुपए एवं कोरबा जिले से लगभग 325 करोड रुपए और रायगढ़ जिले से ₹54 करोड रूपये एवं जांजगीर चांपा से लगभग ₹35करोड रूपये की जानकारी मिली है। कोल डिपो एवं कोल साइडिंग से भी व्यापक गडबडीयां मिलने के साथ 150 से ₹200 करोड़ के कर अपवंचन के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं । राज्य स्तरीय दल द्वारा जब एक साथ छापेमारी की कार्यवाही की गई तो दल द्वारा मुख्य: यह पाया गया कि प्रतिष्ठानों द्वारा आवश्यक दस्तावेज को या तो हटा दिया गया है। अथवा कंप्यूटर से जानकारी को डिलीट कर दिया गया है। विभाग को जो कंप्यूटर मिले उसमें कोई भी जानकारी दर्ज नहीं पाई गई है। विभाग आवश्यक जानकारी को संग्रह तथा साक्ष्य को नष्ट करने के सबूत मिलने के कारण प्रतिष्ठान संचालकों के विरुद्ध अपराध दर्ज कराने हेतु गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है ।संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा राजस्व संबंधी गंभीर अनियमितताएं पाई गई है। जैसे स्वीकृत क्षेत्र से अधिक क्षेत्रफल में कोयले का भंडारण करना बिना डायवर्शन के कृषि भूमि पर गैर कृषि गतिविधियों का संपादन करना । शासकीय भूमि आदिवासी भूमि एवं कोटवारों की भूमि पर अनाधिकृत कब्जा कर कोयला डंप करना पंजीयन शुल्क की व्यापक चोरी इत्यादि खामियां पाई गई है। जांच के दौरान एक वाशरी के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी कर भूमि की रजिस्ट्री करवाई गई है। ऐसे व्यक्तियों के नाम पर पाई गई जिस पर अनुसूचित जनजाति का प्रदेश में होने का प्रमाण पत्र ही नहीं है। कुछ वाशरी संचालकों के द्वारा बड़े झाड तथा छोटे झाड़ के जंगल पर कब्जा होना पाया गया है ।तथा कुछ वाशरी इस एसईसीएल के क्षेत्र में भी स्थापित होना पाया गया है। विभाग द्वारा गंभीर परिणाम संबंधी अनियमितताओं का होना भी पाया गया है। विभाग द्वारा पाई गई अनियमितताएं इतनी गंभीर है कि समस्त वाशरी तथा कोल डिपो बंद हो सकता है। विभाग के अधिकारियों के द्वारा बताया गया है कि नोटिस जारी कर दिया गया है ।नोटिस के जवाब प्राप्त होने के पश्चात ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में वाशरीयों के संबंध में जारी कोल हैंडलिंग पॉलिसी लागू करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया गया है। जिसका पालन किसी भी वाशरीयों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। उक्त संबंध में केंद्रीय कॉल कंट्रोलर के द्वारा भी अत्यंत कठोर कार्यवाही करने के संकेत मिल रहे है ।कोल हैंडलिंग पॉलिसी का उल्लंघन करना वाशरी संचालकों के लिए गंभीर मुसीबत पैदा कर सकता है। समस्त वाशरीयों के भौतिक सत्यापन के दौरान प्रत्येक स्टेट से कोयले की सैंपलिंगली गई है । जिसके ब्रेड का निर्धारण लेबोरेटरी से किया जा रहा है। यदि डीपो से प्राप्त ग्रेड एवं वाशरीयों की रिपोर्ट तथा कोड साइडिंग से प्राप्त ग्रेड में अंतर पाया गया तो पेनाल्टी की राशि कई गुना बढ़ सकती है। कोल ग्रेड का अंतर का मामला केवल रॉयल्टी चोरी का मामला ना होकर कोल चोरी का भी मामला हो सकता है ।यदि ऐसा हुआ तो पुलिस विभाग भी उक्त संबंध में कार्यवाही करने पर विचार कर सकती है। आनाधिकारिक तौर पर कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि कई कोल वाशरीयों में व्हील वाशिंग सिस्टम ही काम नहीं कर रहा था। जिससे कोल डायवर्शन के भी प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं। इनके विरुद्ध कार्यवाही की गई है : जिसमें मुख्य रुप से मेसर्स हिंद ग्रुप बिलासपुर तथा जांजगीर-चांपा, में मेसर्स एसीबी ग्रुप कोरबा, में मेसर्स के जे एस एल कोरबा में मैसेज हिंद वाशरी कोरबा में मैसेज फील वाशरी बिलासपुर ,रायगढ़ एवं जांजगीर में मेसर्स महावीर वाशरी, बिलासपुर एवं जांजगीर में मेसर्स पारस वाशरी बिलासपुर में मेसर्स महेश्वरी कोल बेनिफिकेशन बिलासपुर में संभ्भावी एनर्जी बिलासपुर में मेसर्स इंद्रमणि कोल बेनिफिकेशन बिलासपुर छत्तीसगढ़ कोल बेनिफिकेशन बिलासपुर में मेंसर्स नवदुर्गा फ्यूल रायगढ़ में सरदा एनर्जी एंड मिनरल्स रायगढ़ मेसर्स भाटिया एनर्जी रायगढ़ में शिव शक्ति स्टील मेसर्स के एल एनर्जी रायगढ़ इसके अलावा 100 से अधिक कोल साइडिंग में भी कार्यवाही की गई है । जिसके संबंध में रिपोर्ट विभाग द्वारा तैयार की जा रही है। हालिया दिनों में इतने बड़े पैमाने पर कहीं खनिज साधन एवं अन्य विभाग के द्वारा संयुक्त दल बनाकर एक साथ कार्यवाही करने के प्रमाण नहीं हैं । कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि संबंधित कारोबारियों की मुश्किलें आगे चलकर बढ़ने वाली है।