छेड़छाड़ के आरोपी कांग्रेसी नेता की ज़मानत याचिका अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर ने किया खारिज़,पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने, राजनीतिक ख़ौफ़ के चलते अभी तक नही किया गिरफ़्तार, और ना ही महिला का किया बयान दर्ज
रायपुर : राजधानी रायपुर में कांग्रेसी नेता संजीव अग्रवाल द्वारा महिला से छेड़छाड़ के मामला में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज़ करते हुए पुलिस को तत्काल आरोपी को गिरफ़्तारी करने का निर्देश दिया है।
आपको बता दे कि ब्याजखोर कांग्रेसी नेता संजीव अग्रवाल ने 27 वर्षीय महिला के शरीर के विभिन्न हिस्सों को छूते हुए छेड़छाड़ की थी, जिसका विरोध करने पर महिला को जान से मारने तक कि धमकी इस नेता ने दे डाला था और थाना एवं पुलिस प्रशासन को खरीद लेने की बात कहते हुए स्वयं को प्रभावशाली एवं सत्ताधारी पार्टी का विशेष व्यक्ति बताकर पुलिस में झूठी शिकायत करवा जेल भिजवाने की धमकी हुए दिया था।
इस मामले में गंज थाना प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां कोर्ट ने भी यह माना है कि पीड़ित महिला का बयान तत्काल दर्ज होना चाहिए था, जबकि गंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज होने के एक सप्ताह पश्चात भी महिला का बयान दर्ज नहीं किया है। इस मामले में कोर्ट ने कांग्रेसी नेता की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज़ करते हुए पुलिस को उक्त आरोपी की गिरफ़्तारी के निर्देश दिए है।
गंज थाना प्रभारी ने ना ही आरोपी नेता के घर-कार्यालय में दबिश दी, और ना ही नोटिस ज़ारी कर थाना बुलाया, पुलिस को सत्ता का खौफ ऐसा सताया की फोन पर उक्त कांग्रेसी नेता को फरार बताने तक थाना प्रभारी यादव कांप रहे है। और यही हालात पुलिस अधीक्षक रायपुर का है तभी तो अभी तक उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है, क्योंकि वे खुद जानते है कि आरोपी अग्रवाल उनकी नाक के नीचे बैठा है, जिसे छूने की भी हिम्मत पुलिस की नहीं। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस इस सत्ताधारी नेता को गिरफ़्तार कर पाती है या नहीं? जबकि यही किसी सामान्य आदमी का मामला होता तो वह कब से गिरफ्तार हो गया होता । नहीं तो झूठा अपराध भी दर्ज कर लिया गया होता ।