छत्तीसगढ़ के शासकीय शराब दुकानों में बड़ा खेल, 75 फ़ीसदी बग़ैर परमिट बेची जा रही शराब.. आबकारी मंत्री ने कहा..
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। सत्र के दूसरे दिन विपक्ष भाजपा विधायकों ने प्रदेश में बिना परमिट और अधिक कीमत पर शराब बेचे जाने पर सवाल उठाया। दूसरे राज्यों से लाकर खपाई जा रही अवैध शराब पर जवाब मांगा। वहीं बगैर जुर्म दर्ज किए अवैध शराब के साथ पकड़े गए लोगों को ऐसे ही छोड़ दिए जाने का मामला उठाया।
इस सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आरोपों को गलत बताया। कहा कि जहां-जहां से शिकायतें आती हैं वहां कार्रवाई करते हैं। बीजेपी विधायक नारायण चंदेल में सदन में कहा कि महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से अवैध शराब राज्य में खपाई जा रही है। अवैध शराब मामले में कई लोग पकड़े गए, लेकिन बग़ैर जुर्म दर्ज किए छोड़ दिया जा रहा है।
शिकायते आते ही करते हैं कार्रवाई
इस सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जहां-जहां से शिकायतें आती हैं, वहां कार्रवाई करते हैं। जांजगीर ज़िले में शराब में पानी मिलाने की शिकायत आई थी, वहां ज़िम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। रायगढ़ जिले में भी पानी मिलाने के पांच प्रकरण आए थे। जिम्मेदार लोगों पर सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है।
ऐसे खपाते हैं बग़ैर परमिट वाली शराब
सदन में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री ने पानी मिलाए जाने की शिकायत को सही माना है। शराब में पानी मिलाने की जांच की क्या प्रक्रिया है? इस पर मो. अकबर ने कहा कि हाईड्रोमीटर से जांच की जाती है। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सभी शराब दुकानों में शराब की दो अलग-अलग पेटी रखी जाती है। एक पेटी परमिट वाली होती है और दूसरी पेटी बग़ैर परमिट वाली। 25 फ़ीसदी परमिट की शराब और 75 फ़ीसदी बग़ैर परमिट की शराब बेची जा रही है।
..ऐसे में जिला बनाने का क्या मतलब
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि गौरेला पेंड्रा ज़िला बने दो साल हो गए हैं, लेकिन शराब दुकानों का संचालन बिलासपुर से हो रही है। ऐसे में जिला बनाने का क्या औचित्य? बॉर्डर का जिला है। वहां अमला नहीं बैठेगा तो अवैध शराब की तस्करी बढ़ सकती है। आबकारी मंत्री की तरफ़ से मंत्री मो. अकबर ने कहा कि विभागीय सेटअप बैठेगा तो संचालन उसी जिले से शुरू हो जाएगा।