विधानसभा तखतपुर में 13 एकड़ की सरकारी जमीन को विधायक ने सरपंच के साथ मिलकर एक भू-माफिया को बेच दिया,……..अमर अग्रवाल
विधानसभा तखतपुर में 13 एकड़ की सरकारी जमीन को विधायक ने सरपंच के साथ मिलकर एक भू-माफिया को बेच दिया,……..अमर अग्रवाल
बिलासपुर: विधानसभा चुनाव पास आते देख ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को जनता का दर्द दिखने लगा है. जो नेता सड़क पर कम लग्जरी गाड़ियों में बैठकर जनता के दर्दों को महसूस करते थे. अब वे जनता का हितैषी बनकर उनके बीच जा रहे हैं. वे भी जान रहे हैं कि जनता के बीच उनकी छवि कैसी है, पर क्या करें आलाकमान को तो जवाब देना पड़ेगा. वैसे भी आलाकमान गोपनीय सर्वे करा रही है. जिसका रिपोर्ट कार्ड अच्छा होगा, टिकट उसे ही मिलेगी.
चलिए विषय पर आते हैं. भाजपा नेता अमर अग्रवाल वर्तमान समय में सड़क पर नजर आ रहे हैं. वो इतने एक्टिव नजर आ रहे हैं कि अपने विधानसभा के साथ- साथ वो अगल-बगल के विधानसभा क्षेत्रों में, जहां कांग्रेस के विधायक हैं, जाकर गौठानों की व्यवस्था देख रहे हैं. अमर अग्रवाल के अनुसार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के नाम पर छत्तीसगढ़ के भोले-भाले नागरिकों को छलावा देने का काम भूपेश सरकार के द्वारा किया जा रहा है। गौठान की परंपरा भारत की सनातनी संस्कृति का परंपरागत हिस्सा है, ग्रामीण भारत की विशिष्ट पहचान है, चंद रुपयों का लालच देकर परंपरा और संस्कृति का कांग्रेसीकरण का प्रयास भूपेश सरकार के द्वारा किया जा रहा है.
अमर अग्रवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 10,000 से ज्यादा गौठानों में 12 लाख किलो से अधिक गोबर की बिक्री और खरीदे गए गोबर से 40% मानक अनुसार लगभग 6 रुपये प्रति किलो का वर्मी कंपोस्ट बनाकर दस रुपये किलो की महंगी, गुणवत्ताहीन गोबर खाद प्रदेश के किसानों और सरकारी अमलो में खपाने का जादूई काम, भरोसा खो चुकी, भूपेश सरकार कर रही है. इससे प्रदेश के किसान भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. बिना मांग और जरूरत के बिना गोबर खाद को सरकारी विभागों में खपाने का काम किया जा रहा है. गौठानों से गाएं व मवेशी गायब रहते हैं.चारागाह, पानी, शेड और मवेशियों के ठहराव के लिए मूलभूत जरुरतें गौठानों से गायब है, हाईवे और शहरों की सड़कों में पशुओं का डेरा लगे रहता है. अनेक गौठानों में सुविधाओं के नाम पर बढ़ा चढ़ाकर खर्च किए गए हैं. गौठान जिनमें पशुओं का ठहराव नहीं है. बाड़ी लगाने के लिए अपव्यय किया जाता है तो इन दिनों गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में डेवलप करने का सपना दिखाकर छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम के विरुद्ध करोड़ों रुपए की मशीनें खरीदी गई हैं, जिससे सप्लायरो को फायदा पहुंचाने और कमीशन खोरी का काम किया जा रहा है.
अमर अग्रवाल ने दावा किया कि सोसायटी में धान बेचने वाले किसानों के खाते से लिंकेज डेबिट करके सैकड़ों रुपये गोबर खाद के काटे जा रहै हैं. गोठान समितियों में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कब्जा है. फर्जी गोबर खरीदी और पैसों का बंदरबांट गौठान समितियों के द्वारा किया जा रहा है. पंचायत एवं पंचायत सचिवों के लिए जनपद स्तर पर गौठान योजना गले की फांस बन चुकी है. गौठानो में फर्जी खरीदी दिखाकर राशि आहरण किया जा रहा है, भौतिक सत्यापन में गफलत बाजी से, फर्जी खरीदी से जिले की टीआरपी बढ़ा कर वाहवाही लूटने का खेल जिला अफसरों के द्वारा खुलेआम हो रहा है. अनेक जगहों पर गोबर के बहाने एवं गोबर चोरी होने की शिकायतें थाने में दर्ज कराकर लीपापोती की जा रही है. अमर अग्रवाल ने दावा किया कि फर्जी खरीदी और फर्जी भुगतान से बड़ा घोटाला किया जा रहा जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
किसान की जमीन को बना दिया गौठान गरीब- किसान लगा रहा कोर्ट के चक्कर-अमर
अमर से मिली जानकारी के अनुसार, तखतपुर के नर्मदा खत्री में गौठान निरीक्षण के दौरान किसान ने साक्ष्य प्रस्तुत कर हमको बताया कि सरपंच एवं विधायक ने मिलकर 13 एकड़ की सरकारी जमीन को तखतपुर के एक रसूखदार भू-माफिया को बेच दिया गया और किसान की जमीन को सरकारी जमीन घोषित कर उसमे गौठान बना दिया.
सरपंच ने कहा कि गांव में एक भी गाय नहीं- अमर
अमर ने मीडिया को बताया कि ग्राम के सरपंच से पूछे जाने पर उसने बताया कि गांव में कोई गाय ही नहीं है, सरकार एवं विधायक के कारण ग्राम में गौठान का निर्माण कराया गया, जिसमें ना तो कोई बाउंड्रीवाल है ना ही किसी प्रकार का जमीन में सीमांकन हुआ है.