छत्तीसगढ़ राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर कुमारी शैलेजा का बड़ा ब्यान
छत्तीसगढ़ रायपुर : राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, सूरत कोर्ट ने जब राहुल गांधी को “दोषी” करार दिया उसके 26 घंटे बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। 26 घंटे में सदस्यता रद्द तो 26 घंटे में बहाली क्यों नहीं ? क्या मोदी सरकार राहुल गांधी से घबराई हुई है ? मोदी सरकार को डर है कि संसद में राहुल गांधी मणिपुर पर बोलेंगे। सैलजा ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी को दोष से मुक्त कर दिया एवं इस निर्णय को 26 घंटे से अधिक वक्त बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी संसद सदस्यता को बहाल नहीं किया गया है।
जब 26 घंटे में सदस्यता रद्द तो 26 घंटे बाद बहाली क्यूँ नहीं?
सूरत सेशंस कोर्ट द्वारा जब राहुल गांधी जी को "दोषी" क़रार दिया गया, उसके 26 घंटे बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गयाI
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राहुल गांधी जी को दोष से मुक्त कर…
— Kumari Selja (@Kumari_Selja) August 5, 2023
जब 26 घंटे में सदस्यता रद्द तो 26 घंटे बाद बहाली क्यूँ नहीं?
सूरत सेशंस कोर्ट द्वारा जब राहुल गांधी जी को “दोषी” क़रार दिया गया, उसके 26 घंटे बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गयाI
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राहुल गांधी जी को दोष से मुक्त कर दिया गया एवं इस निर्णय को 26 घंटे से अधिक वक़्त बीत चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी संसद सदस्यता को बहाल नहीं किया गया हैI
क्या मोदी सरकार इस बात से डरी हुई है कि राहुल गाँधी जी मणिपुर में हो रहे नरसंहार एवं वहां के बेसहारों की आवाज़ उठाते हुए INDIA की आवाज़ को मुखर करेंगे या मोदी सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करना चाहती है?
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क्या मोदी सरकार इस बात से डरी हुई है कि राहुल गांधी मणिपुर में हो रहे नरसंहार एवं वहां के बेसहारों की आवाज उठाते हुए INDIA की आवाज को मुखर करेंगे या मोदी सरकार सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करना चाहती है? 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?’ इसे लेकर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई। राहुल को अपना सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा. निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ राहुल ने 2 अप्रैल को हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस प्रचारक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 7 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई ।