आखिर किसे बचा रही पुलिस ? कैसे बदल गई कार्रवाई की जगह, क्या THAR में छुपा है मुख्य तस्कर का राज, पढ़िए 11 लाख के गांजे की तस्करी की इनसाइड स्टोरी ?
तखतपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नशे के सौदागरों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रदेश में नशे के काले कारोबार पर विराम लगाया जा सके, लेकिन नशे की तस्करी जोरों शोरों से जारी है। इसी बीच बिलासपुर पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की। ये कार्यवाही 11 लाख के गांजे की थी, जिसमें 2 आरोपी शामिल थे, एक गिरफ्तार और दूसरा फरार हो गया, मजे की बात यह है जो गिरफ्तार हुआ है उसका भी नाम बदल दिया गया है।लेकिन इस कार्यवाही से कई सवाल खड़े हो गए हैं, आखिर किसे बचा रही पुलिस ,और क्यों ? कैसे बदल गई कार्यवाही की जगह, क्या THAR में छुपा है तस्कर का राज. गाड़ी इस तरह के कई सवाल इस कार्यवाही को लेकर उमड़ रहे हैं।
दरअसल, पुलिस ने कार सवार गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से करीब 11 लाख रुपए कीमती 110 किलो गांजा बरामद किया गया है. पुलिस का दावा है कि इस कार्रवाई के दौरान तस्करी करने वाला मुख्य सरगना फरार हो गया है. बताया जा रहा है कि जब्त वेगनआर गाड़ी CG 10 AM 3257 सलमान अली की पत्नी SALMA बेगम के नाम पर दर्ज है।
हैरानी की बात यह है कि पुलिस के रिकॉर्ड में उसका रिकॉर्ड ही नहीं है, जबकि घटना में प्रयुक्त कार लोरमी के सलमान अली की पत्नी के नाम पर बताया जा रहा है। इसी गाड़ी का उपयोग गांजे की तस्करी में किया गया है। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि सीता पैलेस में सलमान नाम के शख्स पर गांजा तस्करों को एंट्री मिली थी। पैलेस संचालक के मुताबिक उसके कहने में ही तस्करों को किराये में कमरा दिया गया गया था। ये हम नहीं सीता पैलेस की एंट्री बुक में दर्ज है, जिसमें सलमान के नाम का जिक्र है।
हालांकि बिलासपुर पुलिस अब 110 क्विंटल गांजे के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए अपना पीठ थपथपा रही है, जबकि सवाल यह उठता है कि अन्य आरोपी के खिलाफ कब तक विवेचना के बाद कार्यवाही होती है। वहीं आरोपी युवक की गिरफ्तारी तो दूर घटना में शामिल करने में पुलिस के हांथ पांव कांप रहे हैं। पुलिस के बताये अनुसार घटना सकरी थाने की है।
बता दें कि बिलासपुर पुलिस की एंटी क्राइम एंड कंट्रोल यूनिट (ACCU) और नारकोटिक्स की टीम को कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी। लोरमी निवासी एक युवक ओडिशा से बड़ी मात्रा में गांजा का खेप मंगाया है। यह वही युवक है, जो कुछ दिनों पहले लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत मवेशी भरे ट्रक में रंगेहाथ पकड़ा गया था और जेल चला गया था जेल से छूटने के बाद गांजे की तस्करी गैंग में शामिल होकर क्षेत्र में गांजे की तस्करी कर रहा था। बताया जाता है यह लोरमी क्षेत्र के कांग्रेस नेता का खास समर्थक हैं।
बिलासपुर, मुंगेली और कोटा क्षेत्र में खपाने की फिराक में था। सोमवार की देर रात पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि कार क्रमांक CG-10-AM- 3257 में लोरमी से बिलासपुर गांजा ले जाया जा रहा है। इस पर पुलिस की टीम उसकी तलाश में जुट गई।
इस संबंध में शहर एडिशनल SP राजेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि गांजा तस्करों को पकड़ने के लिए कोटा रोड में घेराबंदी की गई. इस दौरान ग्राम चोरभट्ठी में स्टापर लगा कर कार को रोका गया. तभी मौका पाकर एक गांजा तस्कर कार से उतरकर भाग गया.
एडिशनल एसपी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगो क्षेत्र के लकनौती निवासी उस्मान खान (38) को पकड़ लिया. वह लोरमी के सीता पैलेस में रह रहा था. कार की तलाशी लेने पर उसमें से 110 किलो गांजा बरामद किया गया, जिसकी कीमत 11 लाख रुपये बताई जा रही है, जबकि दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है. प्रकरण पर विवेचना की जा रही है।
इधर, लोरमी से जुनैद के बारे में जानकारी जुटाई गई, तब पता चला कि उस नाम का व्यक्ति लोरमी में नहीं रहता है. पुलिस की गांजा रेड की कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कहा जा रहा है कि देर रात पुलिस ने तखतपुर क्षेत्र और जूनापारा चौकी के सीमावर्ती क्षेत्र में नाकेबंदी की थी.
पुलिस की टीम निजी वाहन से पहुंचे थे. मंगलवार की सुबह अमलडीहा के पास तस्करों के पकड़े की जानकारी मिली, लेकिन बाद में पुलिस अफसरों ने बताया कि गांजे की कार्रवाई सकरी क्षेत्र में की जा रही है. ऐसे में कार्रवाई को लेकर थाना क्षेत्र बदलने पर भी सवाल उठ रहा है. इसके साथ ही खुसुर-फुसुर है कि पुलिस की THAR कार से आरोपी फरार हो गया है, लेकिन इस बात की राष्ट्रीय जगत विजन पुष्टि नहीं करता है, यह जांच का विषय है।
इस बारे में सूत्र बताते हैं कि पुलिस की टीम गांजा तस्कर को पकड़ने गई थी। तखतपुर क्षेत्र के अम्लडीहा गांव के पास वेगन आर गांजा तस्कर उनकी गिरफ्त में आ गए थे, लेकिन मुख्य आरोपी को छोड़ दिया गया. इसको लेकर लेन देन की बू आ रही है. यही वजह है कि सोमवार सुबह अफवाह उड़ गई कि गांजा तस्कर को थार कार लेकर चली गई है. सूत्र ये भी बताते हैं कि पुलिसकर्मी जिस थार कार से तस्करों को पकड़ने गए थे, उसी थार से मुख्य आरोपी को छोड़ना पड़ा।
पुलिस थाने के कुछ दूर में चल रहा था नशे की सौदेबाजी
मामले में लोरमी थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित सीता पैलेस के संचालक राहुल केशरवानी ने बताया कि मोहम्मद उस्मान और जुनैद खान की पैलेस में एंट्री नहीं है. लोरमी के सलमान अली नाम का लड़का यूपी के किसी व्यक्ति को ठहराया था, जिनका मुसाफिरी पहले लोरमी थाने में दर्ज नहीं कराया गया था, लेकिन घटना के बाद इसका डिटेल लोरमी थाने में जमा किया गया है. बहरहाल, देखना होगा इस पूरे मामले में कब तक कार्रवाई होती है.
- सवाल
- गाड़ी मालिक के गिरेबान तक आखिर क्यों नहीं पहुंची पुलिस ?
- लोरमी गांजा सिंडीकेट का क्यों नहीं हुआ पर्दाफाश ?
- आखिर पुलिस किसे बचाने में अपनी छवि की धूमिल ?
- गांजे की मनगढ़ंत कहानी की कार्यवाही पर जांच कराने पुलिस अधिकारियों क्यों नहीं भर रहें दम ?
- बिलासपुर पुलिस की इमेज को टीम ने दांव पर क्यों लगाया ? आरोपी का नाम क्यों बदल दिया गया है? लोरमी के किस कांग्रेस नेता का खास समर्थक हैं?