महादेव सट्टा ऐप मामले में फंसते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जल्द भेजा जा सकता है , पुछताछ के लिए संमस

महादेव सट्टा ऐप मामले में फंसते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जल्द भेजा जा सकता है , पुछताछ के लिए संमस


महादेव सट्टा ऐप मामले में फंसते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जल्द भेजा जा सकता है , पुछताछ के लिए संमस


रायपुर : महादेव सट्टा ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी फंसते नजर आ रहे हैं। उनके नाम का जिक्र तो पहले भी आरोपी ने किया था। अब चार्जशीट में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम शामिल किया गया है। अब उनको जल्द ही संमस भेजा जा सकता है। आरोपी असीम दास का दावा है कि घोटाले का पैसा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा गया था। उधर मुंबई से इस केस में पहली गिरफ़्तारी हो गई है।

मुंबई क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने दीक्षित कोठारी नाम के आरोपी को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश कर 11 जनवरी तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया है कि कोठारी एक बेटिंग एप्लिकेशन का मुख्य संचालक है। उस पर विदेश में डोमेन रजिस्टर करवाकर भारत में बेटिंग ऐप चलाने का आरोप है।

भूपेश बघेल को 508 करोड़ देने का दावा
महादेव बेटिंग ऐप केस में आरोपी असीम दास के अपने बयान में बघेल का नाम लिया। उसने बताया कि बघेल को चुनाव के दौरान महादेव ऐप प्रोमोटर्स की ओर से 508 करोड़ रुपये दिए गए थे। बता दें कि आरोपी असीम दास के ठिकाने से ईडी ने 5 करोड़ 39 लाख रुपये बरामद किए गए थे। ईडी की तरफ से दाखिल चार्जशीट में असीम दास के अलावा शुभम सोनी, अमित अग्रवाल, रोहित गुलाटी, भीम सिंह के भी नाम दर्ज हैं।

ईडी की ,1700-1,800 पन्नों की नई चार्जशीट
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक करीब 1,700-1,800 पन्नों की नई चार्जशीट एक जनवरी को दायर की गई थी, जिसमें पांच लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इनमें कथित कैश कूरियर असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव, ऐप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी और अन्य शामिल हैं। ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत द्वारा 10 जनवरी को आरोपपत्र पर संज्ञान लेने की उम्मीद है।
बता दें कि ऐप के कथित मालिक सोनी ने पहले एक वीडियो बयान और ईडी को एक हलफनामा भेज कर दावा किया था कि ऐप को बिना कानूनी कार्रवाई अपना अवैध कारोबार करने की अनुमति देने के लिए नेताओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों को दी गई रिश्वत के ‘सबूत’ हैं। एजेंसी ने रायपुर में विशेष पीएमएलए अदालत के सामने दायर अपने पहले आरोप पत्र में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया था

Rajnish pandey

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