नितिन गडकरी हो सकते हैं प्रधानमंत्री – संघ में मंथन !

नितिन गडकरी हो सकते हैं प्रधानमंत्री – संघ में मंथन !

नितिन गडकरी हो सकते हैं प्रधानमंत्री – संघ में मंथन !

मुंबई : नितिन गडकरी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं। Nitin Gadkari PM Candidate याद कीजिये जब कुछ दिन पहले एक अफवाह उडी थी कि नितिन गडकरी इंडिया गठबंधन को ज्वाइन कर सकते हैं हांलाकि ये महज़ अफवाह थी लेकिन जगजाहिर है कि विपक्ष में भी गडकरी को सम्मान की नज़र से देखा जाता है। अब ऐसे में जब ब्रांड मोदी को तगड़ा झटका लगा है तो क्या संघ बहुत बड़ा बदलाव करने का प्लान बना रहा है ? 2024 लोकसभा चुनावों में जहां बीजेपी को झटका लगा है, तो वहीं दूसरी ओर नागपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जीत का रिकॉर्ड बना रहे हैं । ऐसे में जब बीजेपी को अपने बूते पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है। तब क्या नितिन गडकरी प्रधानमंत्री बन सकते हैं ? क्योंकि नितिन गडकरी के हमेशा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं।

यह भी संयोग है कि वह जिस लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। संघ का मुख्यालय भी उसी में आता है। इस बर चुनावों में नितिन गडकरी नए संकल्प के साथ मैदान में उतरे थे। उन्होंने कहा बिना पोस्टर लगाए हुए चुनाव प्रचार किया था। नितिन गडकरी बीजेपी के ऐसे नेता है जिनके नाम पर विपक्ष के कुछ दल भी समर्थन दे सकते हैं। महाराष्ट्र से पीएम बनाए जाने की शर्त पर शिवसेना यूबीटी भी साथ आ सकती है। ऐसा करके संघ और बीजेपी शरद पवार की संभावित गुगली को बेकार कर सकती है। शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने चुनावों के बाद देवेंद्र फडणवीस को नितिन गडकरी के जरिए ही निशाने पर लिया था। राउत ने कहा था कि फडणवीस ने वहां पर सही से समर्थन नहीं दिया। फडणवीस भी नागपुर से आते हैं। वे नागपुर से ही विधायक हैं।

गडकरी के घर के बाहर क्यों जुटी भीड़ : महाराष्ट्र और नितिन गडकरी के घर और कार्यालय के बाहर बेइंतहा भीड़ जुटी हुई है। उनके कार्यकर्ता और समर्थक लगातार गडकरी को पीएम बताते हुए नारेबाजी कर रहे हैं। संघ किसी नए चेहरे पर या यूं कहें कि नितिन गडकरी पर दांव खेल सकता है इस बात में मुझे इसलिए थोड़ा बहुत दम दिखता है क्योंकि भाजपा को बहुमत नहीं मिला है। एनडीए को बहुमत मिला है। ऐसे में पार्टी के भीतर चेहरा बदलने का दबाव तो रहेगा ही। सबको मंजूर हो ऐसा चेहरा लाने की कोशिश की जा सकती है, हालांकि यह तब होगा जब नरेंद्र मोदी के लिए सहमती न बने। मैं यह भी मानता हूं कि नीतीश कुमार और तेलगू देशम के लिए नितिन गडकरी एक सर्वमान्य चेहरा हो सकते हैं। वहीं यह बात भी किसीने छुपी नहीं है कि संगठन में लोग कई बातों से नाराज अप्रत्याशित नतीजें आए हैं, उसी तरह जाए तो कोई बड़ी बात नहीं।

दिल्ली से लेकर नागपुर तक यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में है कि भाजपा को अपने बूते पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है तो इस स्थिति में सरकार का चेहरा क्या हो सकता है। हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भाजपा के साथ होने की जरूरत नहीं बताने वाले बयान से भी नागपुर पहले से ही बताया जा रहा है। नागपुर में संघ और महाराष्ट्र की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले ज्यादातर पत्रकार भी ऐसा ही कुछ बता रहे हैं। सवाल वही है कि अगर भाजपा को अपने बूते पर बहुमत नहीं मिला तो क्या नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे? वैसे विपक्ष के कई नेता खुले तौर पर नितिन गडकरी की तारीफ कर चुके हैं। नितिन गडकरी अपने बे-बाक बयानों और साफगोई के लिए जाने जाते हैं।

गडकरी के घर के बाहर नारेबाजी : नतीजों के बाद नितिन गडकरी के नागपुर स्थित घर और कार्यालय के बाहर गडकरी के समर्थन में नारेबाजी हुई है। यह सारे दृश्य नागपुर संघ कार्यालय के बारे में अटकलें पैदा कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका एक जवाब नागपुर में खोजा जा रहा है और मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम एनडीए के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर चलने लगा है। इसका बड़ा कारण भी है।

Rajnish pandey

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