बलौदाबाजार की घटना छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली और शर्मनाक,प्रशासन और पुलिस को इसका अंदेशा न होना पुलिस प्रशासन और इंटेलिजेंस फेलवर का होना भी आश्चर्य, कहीं यह प्रि प्लानिंग साजिश का हिस्सा तो नहीं?
बलौदाबाजार मे कल घटी घटना से पूरा प्रदेश आश्चर्य चकित है। छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्यप्रदेश मे यह पहली घटना है।। वहां के जिला प्रशासन और पुलिस को ऐसी घटना की तनिक सूचना और अंदेशा नहीं होना यह दर्शाता है कि प्रशासन का सुचना तंत्र पुरी तरह से फैलवर है। वैसे भी सूत्रों का कहना है जहां जहां ये एस पी साहब पोष्टेट रहे हैं वहीं वहां घटना घटीट हुए हैं चाहे नारायण पुर हो, एक अन्य जगह हो और अब बलौदा बाजार घटनाएं इनका पिछा नहीं छोड रहा है।
चार महीने पहले ही राज्य में सत्ता मे आई भाजपा सरकार और उसके मंत्रियो तथा प्रशासन तंत्र ने शायद इसकी कल्पना भी नहीं की होंगी कि प्रदेश मे क़ानून व्यवस्था इतनी लचर हो जाएगी कि उग्र भीड़ कलेक्टर, एस पी दफ़्तर को आग के हवाले कर सैकड़ों वाहन को फूँक देगी। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री और गृह मंत्री नाराज है शायद कलेक्टर, एस पी बदले जाएँ लेकिन क़ानून व्यवस्था को अपने हाथों मे ले कर तांडव मचाने का अधिकार किसी को नहीं है।
ऐसा करने वालों को भी नहीं बक्शा जाना चाहिए चाहे वह कोई भी हो। छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता को भी लगना चाहिए कि प्रदेश मे क़ानून का राज है और सरकार भी क़ानून से खिलवाड़ करने वालों पर न केवल सख्त है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों के खिलाफ भी सख्त है साथ ही धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को समय रहते पहचान कर कड़ी कार्यवाही किया जाना भी जरूरी है। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री पुरे मामले पर नजर रखे हुए हैं आला अफसरों से पुरे घटनाक्रम की रिपोर्ट देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार जिले में उग्र प्रदर्शनकारियों ने सुनियोजित तरीके से प्लानिंग के साथ यह घटना को अंजाम दिया है।
कलेक्ट्रेट परिसर में सुनियोजित तरीके से आगजनी की घटना को अंजाम देने के संकेत, एफएसएल की जांच टीम को मिले हैं अहम सबूत
बलौदाबाजार घटना पर बड़ा अपडेट सामने आया है। यहां सुनोयजित तरीके से कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम देने के संकेत मिले हैं। रायपुर से आई एफएसएल की जांच टीम को प्रारंभिक सबूत के रूप में कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर पेट्रोल बम के निशान मिले हैं। साथ ही बड़ी संख्या में पत्थर मिले हैं, जो आसपास के नहीं है, जो सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा।
सोमवार शाम को कलेक्टर और एसपी दफ्तर में आग लगा दी। भीड़ ने पथराव और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। साथ ही 200 दोपहिया, 50 चारपहिया वाहनों को भी जला दिया। भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज भी किया गया। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा, बिलासपुर आईजी डॉ संजीव शुक्ला समेत अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया है।
गिरौदपुरी में जैतखाम तोड़ने का मामला इतना तूल पकडा कि बलौदाबाजार जल उठा।अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली घटना है प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन, एस पी दफ़्तर जिला पंचायत के कार्यालय में आगजनी की घटना को अंजाम दिया.वही 250 से अधिक कलेक्टर एसपी की वाहन सहित चार पहिया, दो पहिया वाहन को आग की भेट चढ़ा दिया। हजारों की संख्या में उपस्थित समाज विशेष के प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को आश्वासन देने के बावजूद जबरदस्त तांडव मचाया। शायद यह भी हो कि प्रदर्शन मे असामाजिक तत्व घुसकर घटना को अंजाम दिए हो।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के कार्यालय को जहां आग के भेट चढ़ा दिया वहीं प्रशासनिक फेलवर की वजह से बलौदा बाजार में इतनी बड़ी घटना हो गई । संभव है बलौदाबाजार के कलेक्टर एसपी को आज हटा दिए जायँ । जिला पंचायत सहित कलेक्टर परिसर में स्थित शासकीय कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने घूम-घूम कर आगजनी किया जिससे अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए हैं.पुलिस कर्मियों को अपने बचाव के लिए भागना पड़ा.प्रदर्शनकारियों के पथ राव में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिसमें से अधिकांश को उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है।
बलौदाबाजार में आज सतनामी समाज ने आरोपियों की गिरफ्तारी समेत अन्य मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट का घेराव कर परिसर में खड़ी बाइक और चारपहिया वाहनों में आग लगा दी। अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दौरान समाज के लोगों और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। प्रशासन ने हालात को देखते हुए धारा 144 लगाने का आदेश दे दिया है।