बिलासपुर जिले का अनोखा मामला सामने आया है। बिलासपुर के फूड कंट्रोलर के माड्यूल से हजारों अमीर राशन कार्ड धारकों का राशन कार्ड गरीबी रेखा वाले राशन कार्ड में बदल दिया गया है। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में प्रदेश भर के खाद्य अधिकारियो की बैठक में। राशन कार्ड अदला बदली के खेल पर बिलासपुर फूड कंट्रोलर से जवाब मांगा गया। बिलासपुर के स्थानीय समाचार पत्रों में राशन माफिया के साथ मिलकर अमीर लोगो के एपीएल राशन कार्ड धारकों के कार्ड को गरीबी रेखा के राशन कार्ड में बदल दिया गया है।
सरकार द्वारा अमीरो को एक सदस्य होने पर दस किलो, दो सदस्य होने पर बीस किलो और तीन या तीन से अधिक सदस्य होने पर पैंतीस किलो चावल दस रुपए किलो में दिया जाता है। गरीबी रेखा के नीचे वालो को पैतीस किलो चावल मुफ्त में दिया जाता है। बिलासपुर जिले में अमीरों के राशन कार्ड को फूड कंट्रोलर के माड्यूल से बदल कर गरीबी रेखा के राशन कार्ड में बदल दिया गया है इससे एक कार्ड में बाजार के रेट से 975 रूपये का चावल की धांधली हो रही है। बिलासपुर खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बिलासपुर का फूड कंट्रोलर, राशन माफिया से मिलकर हर राशन दुकान में 15 से20 राशन कार्ड अमीरों का गरीबी रेखा से नीचे वाले कार्ड में बदला है।
इसके एवज में हर राशन दुकान से पांच सौ रूपये प्रति राशन कार्ड वसूली की जा रही है। इस मामले का खुलासा होने पर निचले स्तर के कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर लीपा पोती की जा रही है जबकि माड्यूल का पासवर्ड होता है और अगर इसका दुरुपयोग होता है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होती है. इस मामले को लेकर खाद्य अधिकारियो की बैठक में कांग्रेस शासन काल में ए पी एल से बीपीएल में बदले गए राशन कार्डों की प्रदेश स्तर पर जांच करने के आदेश खाद्य सचिव द्वारा दिए गए है। बिलासपुर के समान ही प्रदेश के अनेक जिलों में ए पी एल राशन कार्ड को बी पी एल राशन कार्ड में बदलने का खेल हुआ है।