हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने UP STF को सौंपा, भगदड़ के बाद से था फरार …… साथ ही STF ने सौंपा जांच रिपोर्ट

हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने UP STF को सौंपा, भगदड़ के बाद से था फरार …… साथ ही STF ने सौंपा जांच रिपोर्ट

हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने UP STF को सौंपा, भगदड़ के बाद से था फरार …… साथ ही STF ने सौंपा जांच रिपोर्ट

हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपी को पकड़कर UP STF को सौंप दिया है। सत्संग का मुख्य आयोजक भगदड़ के बाद से फरार था। पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम भी रखा था। वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि सरेंडर करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है।

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलगढ़ी गांव में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे का मुख्य जिम्मेदार मानते हुए पुलिस ने मुख्य सेवादार और आयोजक देवप्रकाश मधुकर (Devprakash Madhukar) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। देवप्रकाश मधुकर मूल रूप से एटा जनपद (Etah) के गांव सलेमपुर गादुरी का रहने वाला है।

देवप्रकाश मधुकर एटा शीतलपुर ब्लाक में मनरेगा में संविदा पर तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है।रिपोर्टस के मुताबिक, मनरेगा में देवप्रकाश मधुकर को 20 गांव का दायित्व था। हालांकि उसे सभी दायित्वों से हटा दिया गया है। संविदा समाप्ति की जाएगी।

देवप्रकाश, हाथरस में चल रही सत्संग वाले नारायण साकार हरि ‘भोले बाबा’ से भी जुड़ा हुआ है। गांव व आसपास के क्षेत्रों में भी सत्संग कराता रहा है। धार्मिक प्रवृत्ति का होने के चलते लोग आसानी से जुड़ते गए

भोले बाबा की तलाश में आश्रम पहुंची एसआईटी, लग्जरी गाड़ियां ले गई साथ
हाथरस मैनपुरी : उत्तर प्रदेश के हाथरस में 121 लोगों की भगदड़ में मौत के मामले में एजेंसियों ने मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को पकड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों राजस्थान और हरियाणा में छापेमारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही शासन के निर्देश पर बनी एसआईटी ने बाबा के मैनपुरी आश्रम पहुंची है। यहां खड़ी दो लग्जरी गाड़ियां पुलिस अपने साथ ले गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि तमाम एजेंसियां पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की भी तलाश कर रही हैं। हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है और सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया है।

यह प्राथमिकी हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज की गई जिसमें मधुकर के अलावा कई अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया गया और मामले में अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है। जांच जारी है और सरकारी एजेंसियां फरार मुख्य आरोपी की तलाश कर रही हैं। एजेंसियां, पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता की भी तलाश कर रही हैं।

अधिकारी ने यह भी बताया कि तलाशी अभियान के तहत टीम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और राज्य के पूर्वी जिलों की खाक छान चुकी है। टीम राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी तलाश कर रही है। इस बीच, भगदड़ की घटना की जांच को लेकर गठित विशेष कार्य दल (एसआईटी) की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ ने सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी है।

अधिकारी के अनुसार, गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान शामिल हैं जिन्होंने भगदड़ के कारण पैदा हुई आपातकालीन स्थिति को देखा था।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस त्रासदी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग इस पहलू से भी जांच करेगा कि यह घटना कोई ”साजिश” तो नहीं थी।

100लोगों के ब्यान के साथ एस आई टी ने सौंपा जांच रिपोर्ट
बता दें कि हाथरस में हुए हादसे के मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। ऐसे में एसआईटी ने हाथरस हादसे की जांच रिपोर्ट आज शासन को सौंप दी है। एडीजी आगरा व अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में इस हादसे की जांच की जा रही है। जांच में डीएम-एसएसपी सहित 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। दो जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया था। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई, जिसमें सबसे बड़ा सवाल हादसे के मूल कारण और लापरवाही व अनदेखियों को उजागर करना है।

एसआईटी ने बताई हादसे की वजह

शुरुआती जानकारी में SIT ने आयोजकों की बड़ी लापरवाही को हादसे का कारण बताया है। इसमें आयोजकों की तरफ से प्रॉपर इंतजाम ना करना और हादसे के बाद भी उसको छिपाने जैसी बातों का जिक्र किया गया है। हालांकि यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी, लेकिन मगर राहत और बचाव कार्य जारी रहने के साथ ही बुधवार को मुख्यमंत्री के हाथरस दौरे की वजह से जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने जांच के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसके बाद आज जांच रिपोर्ट सौंपी गई है। इसमें घटनास्थल पर तैनात एक-एक पुलिसकर्मी व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसएसपी आदि तमाम लोगों के बयान शामिल हैं

Rajnish pandey

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