मेरठ की जेल में कटेगी पूर्व IAS अनिल टुटेजा की रात दो घंटे की पुछताछ में खोले कई अहम राज
रायपुर / उत्तर प्रदेश : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को मेरठ कोर्ट ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। टुटेजा के साथ ही कोर्ट ने अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी 29 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। दोनों को यूपी STF ने कोर्ट में पेश किया था। रायपुर पुलिस अनिल टुटेजा को शनिवार रात मेरठ लेकर रवाना हुई थी। टुटेजा के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश में नकली होलोग्राम मामले में अपराध दर्ज हुआ है। इसके बाद मेरठ कोर्ट ने उसकी पेशी का वारंट जारी किया था। दूसरी ओर नकली होलोग्राम सप्लाई मामले में EOW ने चार आरोपियों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इनमें दीपक दुआरी, अमित सिंह, अनुराग द्विवेदी और प्रिज्म होलोग्राम कंपनी के स्टेट हेड दिलीप पांडे शामिल हैं। चारों आरोपियों को कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर सौंप दिया। नकली होलोग्राम मामले में दर्ज अपराध के खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आवेदन दिया है। इसमें नोएडा के कासना थाने में दर्ज FIR को चैलेंज किया है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ED के डिप्टी डायरेक्टर ने जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में नोएडा में FIR दर्ज कराई थी। इस केस की जांच यूपी STF कर रही है। FIR में आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त रहे निरंजन दास और होलोग्राम सप्लाई करने वाली प्रिज्म कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का नाम शामिल है।
उत्तर प्रदेश एस टी एफ के मात्र दो घंटे के पुछताछ में टुटेजा ने खोले कई अहम राज
छत्तीसगढ़ के 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा ने अपना मुँह खोल दिया है। उसने शराब घोटाले की कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कलई खोल कर रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक मात्र 2 घंटे की पूछताछ में आरोपी टुटेजा ने फर्जी होलोग्राम की छपाई और उससे होने वाली अवैध कमाई के तमाम लाभार्थियों का नाम उगल दिया है। इसमें भूपेश बघेल, सौम्या चौरसिया, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी समेत अन्य आरोपियों की भूमिकाओं पर STF को कई अहम जानकारियां दी है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रारंभिक पूछताछ में ही आरोपी ने साफ कर दिया है कि आबकारी विभाग की गतिविधियों को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की सहमति से ही संचालित किया जा रहा था।
उसके मुताबिक शराब की खरीद – फरोख्त, ठेकों और नीतिगत निर्णय सिर्फ बघेल की अनुमति के बाद ही अंजाम दिए जाते थे। कारोबारी अनवर ढेबर और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा समानांतर रूप से सभी तरह के कारोबार को संचालित कर रहे थे। इन सभी मामलों में वह मुख्यमंत्री और विभाग के बीच सेतु का काम कर रहा था। शराब के अवैध कारोबार से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा मुख्यमंत्री के संज्ञान में प्रतिमाह लाया जाता था। टुटेजा ने इसकी तस्दीक करते हुए यह भी बताया कि प्रदेश की सभी डिस्लरी में आबकारी विभाग के बजाय प्राइवेट कारोबारियों का कब्ज़ा था।
विभागीय कर्मचारी सरकारी दिशा – निर्देशों का पालन करते थे। जबकि कारोबार प्राइवेट पार्टियों को सौंपा गया था। इसमें आउट सोर्सिंग कंपनी महत्वपूर्ण रोल प्ले कर रही थी। उसका कार्य शराब दुकानों से होने वाली बिक्री की रकम को बैंकों और लाभार्थियों के खातों तक पहुँचाना था। यही नहीं सरकारी राजस्व को कलेक्टर कार्यालय के जरिये सरकारी तिजोरी तक पहुंचाने का कार्य भी प्राइवेट लोगों को सौंपा गया था।
सूत्र यह भी बता रहे है कि पूछताछ के दूसरे दौर में टुटेजा ने शराब दुकानों में मेंटेन किये जा रहे नंबर एक और नंबर दो के लेजर – रजिस्ट्रो की भी तस्दीक की है। उसने यह भी बताया है कि नकली होलोग्राम से होने वाली कमाई पूर्व मुख्यमंत्री के विश्वसनीय व्यक्तियों के हाथों में सौंपी जाती थी।निलंबित आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी द्वारा समय – समय पर उसे सौंपी गई, नगद रकम का ब्यौरा भी टुटेजा ने STF के साथ साझा किया है। बताया जाता है कि लगभग 2 घंटे तक पूछताछ के बाद आरोपी टुटेजा ने थकावट का हवाला देते हुए कुछ देर का रेस्ट माँगा है। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने अनिल टुटेजा को ट्रांजिट वारंट पर आज मेरठ कोर्ट में पेश किया । अदालत ने STF को उसकी रिमांड सौंप दी है।