रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुराना धरना स्थल बूढ़ा तालाब में 4 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे पूर्व पुलिस कर्मी और आजाद जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्जवल दीवान ने आज अपना अनशन समाप्त कर दिया। इसका कारण छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा से हुई लंबी और महत्वपूर्ण चर्चा थी, जिसमें गृहमंत्री ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया।
उ
ज्जवल दीवान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल के भूपेश बघेल नेतृत्व सरकार के IPS अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर अनशन शुरू किया था। उनका आरोप था कि ये अधिकारी और नेता विभिन्न घोटालों में शामिल रहे हैं।
अनशन के दौरान उज्जवल दीवान ने एक 7 पेज का ज्ञापन गृहमंत्री विजय शर्मा को सौंपा, जिसमें उन्होंने उन सभी भ्रष्ट IPS अधिकारियों और नेताओं के नाम शामिल किए, जिन्होंने पूर्व शासनकाल में स्लीपर सेल के रूप में कार्य किया। इस सूची में IPS अधिकारी शेख आरिफ, आनंद छाबड़ा, अभिषेक माहेश्वरी सहित कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल थे। उज्जवल का आरोप था कि इन अधिकारियों ने कोयला लेवी घोटाला, महादेव सट्टा ऐप, शराब घोटाला आदि घोटालों में अहम भूमिका निभाई है।
उज्जवल दीवान ने अपने ज्ञापन में IPS आरिफ शेख और उनकी IAS पत्नी शम्मी आबिदी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी साम्प्रदायिक एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे थे। इसके साथ ही, उज्जवल ने बताया कि इन अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और अनिल टुटेजा के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए अपने पद का गलत उपयोग किया और अवैध वसूली की।
गृहमंत्री विजय शर्मा और उज्जवल दीवान के बीच लगभग 3 घंटे की चर्चा हुई। इस चर्चा में उज्जवल ने भ्रष्टाचार, भ्रष्ट नेताओं और IPS अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर गृहमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा, उज्जवल ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को भी गृहमंत्री के सामने रखा, जिसमें संयुक्त पुलिस परिवार की मांगें, भ्रष्टाचार पर तत्काल कार्यवाही करने, अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान और छत्तीसगढ़ की जनता के अधिकारों के विषय शामिल थे।
चर्चा के दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने सभी तथ्यों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और जल्द से जल्द भ्रष्टाचारियों पर ठोस कार्यवाही करने का वादा किया। इसके अलावा, उन्होंने उज्जवल दीवान की 6 सूत्रीय मांगों पर भी गंभीरता से विचार विमर्श करने की बात कही।
उज्जवल दीवान के साथ उनके साथी आशीष अवस्थी, हिमांशु वर्मा और अन्य समर्थक भी उपस्थित रहे। चर्चा के बाद, गृहमंत्री और उज्जवल दीवान ने साथ में भोजन किया और सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। अंत में, उज्जवल दीवान ने गृहमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासनों के बाद अपना आमरण अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया।
यह घटना छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा मिल सकती है। गृहमंत्री विजय शर्मा के आश्वासनों के बाद अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में इन पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।