ई डी से बचने दुबई शिफ्ट हुए सैकड़ों सट्टेबाज , ईओडब्ल्यू और एसीबी के चार्जशीट से आई पी एस और एडीशनल अधिकािरयों के नाम गायब
रायपुर : किसी मल्टीनेशनल और कार्पोरेट कंपनी की तरह महादेव सट्टा एप mahadev satta app वाले दुबई से काम कर रहे हैं। काम को बेहतर तरीके से करने के लिए छत्तीसगढ़, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के 250 से ज्यादा युवाओं को दुबई बुलाया गया। वहां उन्हें ऊंची सैलरी में रखा गया। बड़ी कंपनी की तरह सभी का काम बंटा हुआ है। इसका खुलासा कोर्ट में पेशी की ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में हुआ। ये सभी युवा घर-परिवार छोड़कर दुबई में रह रहे हैं। जहां उनके रहने, खाने और अन्य चीजों की व्यवस्था की गई है। ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में कई नए नाम सामने आए हैं, जो ईडी की चार्जशीट में नहीं हैं।
EOW ईओडब्ल्यू ने 19 जुलाई को 10 हजार पन्नों का चालान पेश किया है। इसमें एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, कारोबारी सतीश चंद्राकर, सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी, सिपाही भीम सिंह यादव, अर्जुन सिंह यादव, अमित अग्रवाल, नीतिश दीवान, नीतिश टिबड़ेवाल समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया है। ईओडब्ल्यू का दावा है कि राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं ने महादेव सट्टा एप वालों से प्रोटेक्शन मनी ली है। पूरा पैसा हवाला से आता था। लेकिन ईओडब्ल्यू ने अपनी चार्जशीट में इनमें से किसी का भी नाम नहीं लिखा है। आरोपी चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चन्द्राकर , भीम यादव और सहदेव यादव ने ई डी के पुछताछ में कई आई पी एस और एडीशनल अधिकारीयों के नाम बताए थे जिन्हें पैसा पहुंचाया जाता था। जो ईडी के चार्जशीट में है पर इन सबके नाम ईओडब्ल्यू और एसीबी के द्वारा पेश किए गए चार्जशीट से गायब हैं।