थोड़ी देर में ED ऑफिस पहुंचेंगे साहिबगंज SP नौशाद आलम, अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 100 तीखे सवालों की लिस्ट तैयार की
साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम से आज रांची स्थित ईडी कार्यालय में पूछताछ होगी। ईडी ने सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है। बताया जाता है कि यह पूछताछ साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में की जा रही है। एसपी नौशाद आलम पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गवाह रहे विजय हांसदा पर दबाव बनाया था।
नौशाद आलम ने बुक करवाया था टिकट
नौशाद आलम पर आरोप है कि जिस प्रकार जेल में बंद कारोबारी अमित अग्रवाल ने अधिवक्ता राजीव कुमार को फंसाने की साजिश रची थी उसी प्रकार नौशाद आलम ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को फंसाने के लिए ईडी के गवाह रहे विजय हांसदा की मदद की थी। बताया जाता है कि नौशाद आलम ने ईडी के गवाह विजय हांसदा पर गवाही से मुकरने का दबाव बनाया। उसके दिल्ली आने-जाने की व्यवस्था की। दिल्ली जाने के लिए रांची पुलिस केंद्र के सार्जेंट के जरिए टिकट बुक कराया।
साहिबगंज एसपी नौशाद आलम से ED …
पहले रांची के ग्रामीण एसपी थे नौशाद आलम
बता दें कि रांची के पूर्व ग्रामीण एसपी रहे नौशाद आलम को हाल ही में साहिबगंज जिले का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। नौशाद आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने आज 11 बजे तक जोनल कार्यालय में पेश होने को कहा है। बताया जाता है कि नौशाद आलम ने उसी तरह से गवाह विजय हांसदा का इस्तेमाल ईडी अधिकारियों को फंसाने के लिए किया जिस प्रकार कारोबारी अमित अग्रवाल ने अधिवक्ता राजीव कुमार को फंसाने के लिए किया था। अब, चूंकि नौशाद आलम सरकारी अधिकारी हैं इसलिए उनके खिलाफ यह मामला ज्यादा गंभीर बनता है। बता दें कि अवैध खनन, जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई आईएएस अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है लेकिन इस केस के सिलसिले में ईडी के सवालों का सामना करने वाले नौशाद आलम पहले आईपीएस अधिकारी होंगे। बताया जाता है कि इसमें रांची पुलिस के भी कई अधिकारियों की बड़ी भूमिका है।
रांची पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई
बताया जा रहा है कि साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गवाह विजय हांसदा पर दबाव बनाने में रांची पुलिस की संलिप्तता भी सामने आई है। ईडी ने जो जांच की है और साक्ष्य एकत्रित किए हैं उसके मुताबिक मामले में एसपी नौशाद आलम, रांची पुलिस के कुछ जूनियर पुलिस पदाधिकारियों और साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।