छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले का खुलासा, 21 अधिकारियों पर गंभीर आरोप

छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले का खुलासा, 21 अधिकारियों पर गंभीर आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का मामला सामने आने से प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने रायपुर प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर 21 अधिकारियों पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगाया है। संघ ने इस गंभीर मामले का खुलासा करते हुए सरकार से इन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश के 21 अधिकारियों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियों में प्रवेश किया है। उन्होंने मीडिया को 21 अधिकारियों के नाम की सूची सौंपी, जिसमें 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक और 3 वेटनरी डॉक्टर शामिल हैं। इस सूची ने प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक सर्किलों में खलबली मचा दी है।

संघ के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे लोरमी में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत, मुंगेली में पदस्थ चिकित्सक एमके राय और बिलासपुर में पदस्थ हेल्थ ज्वाइंट प्रमोद महाजन का हाथ है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने अपने प्रभाव और संपर्कों का दुरुपयोग कर फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए, जिससे असली दिव्यांगों के अधिकारों का हनन हुआ है।

संघ ने सरकार से तत्काल इन अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो 21 अगस्त को प्रदेशभर के दिव्यांग रायपुर में आंदोलन करेंगे। संघ का कहना है कि यह केवल दिव्यांग समुदाय के अधिकारों का हनन नहीं है, बल्कि पूरे समाज के विश्वास का अपमान है।

दिव्यांग सेवा संघ ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसे फर्जीवाड़े से न केवल असली दिव्यांगों को नुकसान होता है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की साख भी प्रभावित होती है। संघ ने जोर दिया कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने संघ को भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और दिव्यांग समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। हालांकि, सरकार के इस आश्वासन के बावजूद दिव्यांग सेवा संघ का आंदोलन की धमकी देकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास जारी है।

Rajnish pandey

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