छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी एवं पति अशोक विधानी दोनों के बयान में अंतर…….भाजपा संगठन से ज्यादा ताकतवर हुए विधायक…….

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी एवं पति अशोक विधानी दोनों के बयान में अंतर…….भाजपा संगठन से ज्यादा ताकतवर हुए विधायक……. राष्ट्रीय जगत विजन, रायपुर : कांग्रेस ने एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी के नामांकन को लेकर आपत्ति किया था ।कांग्रेस का कहना था कि भाजपा जिसको अपना प्रत्याशी बनाती […]

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी एवं पति अशोक विधानी दोनों के बयान में अंतर…….भाजपा संगठन से ज्यादा ताकतवर हुए विधायक…….
राष्ट्रीय जगत विजन, रायपुर : कांग्रेस ने एल पद्मजा उर्फ पूजा विधानी के नामांकन को लेकर आपत्ति किया था ।कांग्रेस का कहना था कि भाजपा जिसको अपना प्रत्याशी बनाती है उसका नाम भाजपा खुद नही जानती है ।
यह बात बड़ा अचरज की बात लगती है। भाजपा पूजा विधानी का नाम अपने सूची में जारी करती है और भाजपा से मेयर का नामांकन एल पद्मजा जमा करती है। यह बात भी बड़ी गजब लगती है।जिसका पूरा ससुराल पक्ष (परिवार) सामान्य जाती में आता है उस परिवार की एक सदस्य ओबीसी कैसे हो सकती है। और वह अपने मायके से किस जाती है उसे सार्वजनिक नहीं कर रहीं हैं।ओ कौन सक्षम अधिकारी हैं जिसने इसके नाम का जाती प्रमाण पत्र जारी किया है उसका नाम बिलासपुर प्रशासन भी नहीं बता रही है। इससे संदेह पैदा हो गया है कि कांग्रेस का आरोप सही हैं और निर्वाचन अधिकारी पक्ष ले रहे हैं।
कांग्रेस के आरोप पर भाजपा की मेयर प्रत्याशी पूजा विधानी ने कहा है कि कांग्रेस की आपत्ति निराधार और मेरी जाति उड़िया-तेलुगु है और मेरा जन्म बिलासपुर में ही हुआ है । MP के समय का जाति प्रमाण पत्र सहित दस्तावेज मेरे पास मौजूद है कांग्रेस चुनाव जीतने नए हथकंडे अपना रही है। बोलीं- कांग्रेस ने मुझे और अशोक विधानी को हीरो-हीरोइन बना दिया।मेरा प्रमाण पत्र 95 में एसडीएम के यहाँ से बना हुआ है।कांग्रेस को हार का डर सता रहा है। मगर वह कौन एस डी एम ने बनाया है उसका नाम बताने से एल पद्मजा डर रही है।
वही इस मामले में पूजा विधानी के पति पूर्व पार्षद और भाजपा नेता अशोक विधानी का कहना है कि एल.पद्मजा पूजा विधानी का जन्म बिलासपुर में हुआ है और उनकी जाती प्रमाण पत्र भी 2004/05 में बिलासपुर एसडीएम कार्यालय से विधिवत बनाया गया है। बिलासपुर में पैदा हुई है । इसलिए वो यहां की मूल निवासी है। उनके पिता एल. नारायण राव के पास भी पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने अपनी हार मान ली है इसलिए वे इस तरह का प्रोपोगंडा फैला रहे है। हमारे पास पूरे दस्तावेज मौजूद है और पार्टी सारे सर्टिफिकेट जांचने के बाद ही टिकट जारी करती है। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है इसलिए ऊलजुलूल बाते कह रहे है। पर कोई भी डाकोमेट किसी को नहीं दिखा पा रहे हैं आखिर क्यों?
भाजपा नेता अशोक विधानी अपनी पत्नी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर जो बयान दिए उसमे और उनकी पत्नी के बयान में काफी फर्क है।एल पद्मजा 95 में प्रमाण पत्र बनने की बात बोल रही है वही उनके पति अशोक विधानी 2005 में बनने की बात बोल रहे है।अब कांग्रेस ही इस मुद्दे को लेकर सड़क तक जाने की बात कर रही है।कांग्रेस के नेता मामले में एफआईआर दर्ज करने की बात भी बोल रहे है।
कुल मिलाकर भाजपा इस मामले में गलती कर बैठी।भाजपा के संगठन पर भी अब पार्टी के लोग बाते करने लगे है।प्रदेश में न्यायधानी की इतनी महत्वपूर्ण सीट में भाजपा के संगठन ने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी।इससे भाजपा के संगठन की कमजोरी भी उजागर हो गयी।सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव में भाजपा के संगठन से ज्यादा ताकतवर लोकल विधायक व मंत्री की बातें सामने आ रही है। भाजपा को प्रदेश में कई जगह प्रत्याशी तय करने में ही समय लग गया। कवर्धा की कहानी भी सामने आ रही है जिसमे पार्टी संगठन पहले एक को अपना प्रत्याशी बनाता है बाद में उसे वार्ड बदलने की बात बोल दी जाती है।कहा जाता है कि तुमको दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ना है।अब वो बेचारा क्या करे यह उसको समझ नही आ रहा है।पार्टी एक नाम को पहले तय करती है फिर दूसरे नाम को आगे कर देती है।चिरमिरी का किस्सा भी गजब का है।यहाँ जिसको भाजपा ने मेयर का प्रत्याशी बनाया है वो पिछले पार्षद चुनाव में मात्र 4 वोट ही पाया था।कहते है कि स्वास्थ्य मंत्री का खास व्यक्ति है इसलिए भाजपा ने इनको ही मैदान में उतार दिया है।अलबत्ता प्रदेश में भाजपा ने हर जगह इसी परिपाटी से फैसला किया है।
पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव में भाजपा का संगठन कमजोर व असहाय सा नजर आया.क्षेत्र के विधायक और मंत्रियों ने अपने लोगो को प्रत्याशी बनाकर चुनावी समर में उतारा है।भाजपा के संगठन मंत्री शायद लापता हो गए है।एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने राष्ट्रीय जगत विजन को बताया कि सब जगह सेटिंग का खेल हुआ है। कौन कितना इससे ही नाम तय हो गया। हो सकता है इसी हिसाब से ही सारा फैसला किया गया है। संगठन मंत्री पर भी आरोप लगने लगे है। इतनी बड़ी पार्टी में ऐसा खेल हो जाना समझ से परे है। कार्यकर्ताओ की इतनी बार बैठके करने के बाद भी ऐसा बुरा हाल है इसकी कल्पना किसी को भी नही थी। वैसे इनके खास केंडिडेट को भी टिकट दी गयी है। कुलमिलाकर पार्टी के सारे सिस्टम से हटकर टिकट बांटी गई है। संगठन के लोग किस फार्मूले से पार्टी के प्रत्याशी का नाम तय कर रहे है यह अपने आप मे समझ से परे है।कुल मिलाकर शहरी राजनीति में भाजपा का डब्बा गोल होना सुनिश्चित ही है।लगता है कि आगे पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी कुछ बड़े फैसले लेगा।
कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी एल पदमजा पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगाया निर्वाचन कांग्रेस की आपत्ति खारिज कर दी लेकिन इधर एल पदमजा भाजपा की महापौर प्रत्याशी कहती है कि 1995 में जाति प्रमाण पत्र बना है , प्रत्याशी के पति अशोक विधानी कहते है 2005 में स्थाई जाति प्रमाण पत्र बना, अब पता नहीं कौन सच बोल रहा है लेकिन इससे भाजपा की फजीहत, किरकिरी हो रही है उसके प्रत्याशी और पति को ठीक से नहीं पता कि उनका जाति प्रमाण पत्र कब बना , बीजेपी पहली बार जाति मामले में प्रत्याशी को लेकर विवादों में है अजीत जोगी पर भाजपा उंगली उठाते रही है लेकिन अब उनके प्रत्याशी जाति प्रमाण पत्र के बनने पर अलग अलग जवाब दे रहे है । देश की सबसे बड़ी पार्टी के प्रत्याशी के जाति मामले विवादित होने से , बीजेपी की किरकिरी हो रही है, कॉन्ग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि जब परिवार के लोग सामान्य तो एल पदमजा कैसे ओबीसी हो गई , मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।