छत्तीसगढ़ के अचानक मार ए टी आर प्रबंधक की एक और लापरवाही और ना कामयाबी की वजह से विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार पर लगा धब्बा हुई लापरवाही उजागर……… अचानक मार ए टी आर की टाइग्रेस को अमरकंटक कपिल धारा के समीप करंजिया से आज कॉलर वाली

छत्तीसगढ़ के अचानक मार ए टी आर प्रबंधक की एक और लापरवाही और ना कामयाबी की वजह से विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार पर लगा धब्बा हुई लापरवाही उजागर……… अचानक मार ए टी आर की टाइग्रेस को अमरकंटक कपिल धारा के समीप करंजिया से आज कॉलर वाली टाइग्रेस को मध्यप्रदेश बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व […]

छत्तीसगढ़ के अचानक मार ए टी आर प्रबंधक की एक और लापरवाही और ना कामयाबी की वजह से विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार पर लगा धब्बा हुई लापरवाही उजागर……… अचानक मार ए टी आर की टाइग्रेस को अमरकंटक कपिल धारा के समीप करंजिया से आज कॉलर वाली टाइग्रेस को मध्यप्रदेश बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के टिम के डॉ सेंगर ने हाथी से ट्रेंकुलाइज़ किया और सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया है।

बिलासपुर : अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रबंधक के द्वारा चिरमिरी में बाघिन को ट्रेंकुलाइज़ कर दिल्ली का कॉलर आईडी 17 दिसम्बर 2024 को लगाकर बोकर कछार क्षेत्र में छोड़ा गया था, बाघिन जिसकी आयु चार वर्ष से अधिक है इसे इस लिए अचानकमार में लाया गया की यह गर्भवती है और जल्द ही शावकों को जन्म देने वाली है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। और जो रहा वह भी यहां से इनकी लापरवाही से मध्यप्रदेश चला गया। चाहते तो जब वह जलेश्वर धाम मंदिर में विचरण कर रही थी तभी ट्रेंकुलाइज कर वापस लाया जा सकता था पर वन विभाग प्रबंधक ने ऐसा नहीं किया। और उसे मध्यप्रदेश बांधवगढ़ वाले आकर ले गए।
ATR के अनुभवहीन अधिकारियों के बारे में फिर कभी विस्तृत लिखूंगा… टाइग्रेस ATR में मानों तो रुकी ही नहीं वह जिस रास्ते से आईं और फिर लौट गईं उसने अपना ठिकाना अनूपपुर, डिंडौरी, करंजिया तक सीमित कर लिया जीसे आज छत्तीसगढ़ सीमा से चार किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश बांधवगढ़ की टीम में ट्रेंकुलाइज़ कर संजय टाइगर रिजर्व सीधी में छोड़ दिया है। इसकी निगरानी अचकमार टाइगर रिजर्व से और मध्य प्रदेश सीधी से होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य में वाइल्डलाइफ विंग अलग से स्थापित किया गया था लेकिन इस विंग के मुखिया का या