छत्तीसगढ़ :जमीन घोटाले में पटवारी व बैंक अधिकारी पर अपराध दर्ज, फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी जमीन पर 20 लाख का लोन लेने का है मामला
बिलासपुर : जमीन घोटाले में कलेक्टर के आदेश पर बड़ी कार्यवाही हुई है। पटवारी व बैंक अधिकारी सहित तीन लोगों पर अपराध दर्ज किया गया है। पूरा मामला तखतपुर ब्लॉक के ग्राम पोंड़ी से जुड़ा है, जहां 80 एकड़ सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से चार निजी व्यक्तियों के नाम चढ़ाकर भाटापारा स्थित आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से 20 लाख रुपये का लोन ले लिया गया है। जांच के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने दोषी पटवारी, उनके सहयोगी और बैंक अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराने का निर्देश दिया हैं।
ग्राम पोंड़ी के पटवारी राजकुमार सवैया ने भुईया पोर्टल में 80 एकड़ सरकारी जमीन की फर्जी प्रविष्टि करवाया है। इस जमीन को पांच अलग अलग खसरा नंबरों में दर्ज कर, वास्तविक जमीन न होने के बावजूद इसे निजी व्यक्तियों के नाम पर चढ़ा दिया। जांच में पता चला कि ये जमीन न तो सरकारी रिकार्ड में दर्ज है और न ही भौतिक रूप से मौके पर गौजूद। इसके बावजूद इन फर्जी प्रविष्टियों का उपयोग कर बैंक से लोन ले लिया गया है।
पटवारी ने 17.5 एकड़ जमीन को गिरवी दिखाकर भाटापारा आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लिया है। बैंक ने बिना जरूरी दस्तावेजों की जांच किए लोन स्वीकृत कर दिया है। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए बैंक प्रबंधन को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बैंक को दस्तावेजों की पुनः जांच और सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट में पता चला कि खसरा और रकबा की फर्जी प्रविष्टि की गई।
बैंक ने संपत्ति के स्वामित्व और दस्तावेजों की जांच किए बिना कर्ज दे दिया। इधर फर्जीवाड़े का पता चलने पर पोर्टल से जमीन की प्रविष्टि ही मिटा दी गई। तखतपुर की एसडीएम ज्योति पटेल की जांच रिपोर्ट में पटवारी राजकुमार सवैया, उनके सहयोगी सतवंत टंडन और बैंक अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। कलेक्टर ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और दोषियों पर सक्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को पत्र लिखकर लोन से जुड़े सभी दस्तावेजों की समीक्षा करने और जांच के निष्कर्ष बिलासपुर प्रशासन को सौंपने के लिए कहा है।